किसी तरह भी करो प्रभु ,अब कोरोना मुक्त करो ।। किसी तरह भी करो प्रभु ,अब कोरोना मुक्त करो ।।
'किसने क्या किया' की भावना से मुक्त रहने का संदेश देती कविता... 'किसने क्या किया' की भावना से मुक्त रहने का संदेश देती कविता...
तो जन्म लेने का प्रयास क्यों? मानवता होकर मानवता से होता है खिलवाड़ क्यों? तो जन्म लेने का प्रयास क्यों? मानवता होकर मानवता से होता है खिलवाड़ क्यों...
अब मुक्त हो चुका था आपने आप को प्रभु को सौंप चुका था न यहाँ रुकने का मन था न वापस जाने की इ... अब मुक्त हो चुका था आपने आप को प्रभु को सौंप चुका था न यहाँ रुकने का मन था...
आत्म शांति एवं आत्मतृप्ति के लिए। आत्म शांति एवं आत्मतृप्ति के लिए।
मरने का वो दौर अलग था, आज चलो हम जीते हैं। आज़ादी का अमृत पाया, बूँद बूँद हम पीते है। मरने का वो दौर अलग था, आज चलो हम जीते हैं। आज़ादी का अमृत पाया, बूँद बूँ...